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Mar 11 2024, 14:28

मालेगांव ब्लास्ट केस में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ NIA ने जारी किया वारंट, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

महाराष्ट्र के मुंबई में 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले को लेकर चल रही कानूनी कार्यवाही में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अदालत ने मामले में आरोपी भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। 

सुनवाई के दौरान कोर्ट के सशरीर उपस्थित रहने के आदेश के बावजूद साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर उपस्थित नहीं थीं। उनकी अनुपस्थिति ने अदालत को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया, विशेष रूप से उनके वकील द्वारा दायर एक चिकित्सा छूट आवेदन के जवाब में, जिसे अदालत ने अंततः खारिज कर दिया। नतीजतन, उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी करना आवश्यक समझा गया। यह वारंट 20 मार्च को लौटाया जाना है, जिससे उसकी उपस्थिति की समय सीमा तय हो जाएगी।

यह घटनाक्रम सीधे तौर पर मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित सुनवाई के दौरान हुआ, जो घटना के आसपास की कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की संलिप्तता ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के मालेगांव में हुए विस्फोट में छह लोगों की दुखद मौत हो गई और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए। मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया, जिससे समुदाय में बड़े पैमाने पर तबाही और पीड़ा हुई।

उल्लेखनीय है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की 195 उम्मीदवारों की शुरुआती सूची से साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम गायब था। इस अनुपस्थिति को विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित कानूनी कार्यवाही भी शामिल है।

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Mar 11 2024, 14:26

16 साल के बाद भारत और युरोप के चार देशों के संगठन EFTA के बीच हुई बड़ी डील, जानिए, इन चीजों के घटेंगे दाम

भारत एवं यूरोप के 4 देश के संगठन यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच रविवार 10 मार्च को एक अहम कारोबारी समझौता हुआ. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि EFTA देशों ने भारत में अगले 15 वर्षों के चलते 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. उन्‍होंने कहा कि इस डील से 10 लाख व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होने का अनुमान है. 

EFTA के सदस्‍य देशों में आईसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे एवं स्विटजरलैंड सम्मिलित हैं. इन देशों के साथ हुई डील पर पीयूष गोयल ने कहा कि EFTA देशों के द्वारा किए जाने वाले निवेश में ग्रीन एंड विंड, फार्मा, हेल्‍थ मशीनरी एवं फूड सेक्‍टर हैं. इन सेक्‍टर्स से जुड़ी कंपनियों एवं नौकरियों के लिए बड़ा अवसर उत्पन्न होगा. ETF देश इन सेक्‍टर्स में सबसे अधिक निवेश करेंगे. पीयूष गोयल ने कहा कि इस डील में सभी के लिए मौका है तथा डील से जुड़े सभी देशों को इससे फायदा होगा. 

2008 में शुरू हुई थी बात

इन देशों के साथ सबसे पहले डील के लिए वर्ष 2008 में चर्चा आरम्भ हुई थी. 13 दौर की चर्चा के पश्चात् 2013 में बातचीत रुक गई. फिर EFTA देशों के साथ अक्‍टूबर 2016 में एक बार फिर चर्चा आरम्भ हुई. कुल 16 वर्षों में 21 दौर की चर्चा के बाद अब डील पक्‍की हुई है. EFTA एवं भारत के बीच फिलहाल 18.66 अरब डॉलर ( 2022-23) का कुल ट्रेड है. इसमें सबसे बड़ा भाग स्विटजरलैंड का और दूसरी बड़ी भागेदारी नॉर्वे की है. यह डील 15 सालों की अवधि में 100 अरब डॉलर का निवेश के लिए किया गया है. एक अफसर ने कहा कि भारत ने समझौते के पश्चात 10 सालों के चलते 50 अरब डॉलर की निवेश की मांग की थी तथा ब्लॉक सदस्यों से अगले पांच वर्षों में 50 अरब डॉलर की अतिरिक्त निवेश मांगी थी. इस डील में लाखों युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा. 

इन सेक्‍टर को रखा गया दूर 

भारत भी इन देशों के लिए विभिन्‍न वस्‍तुओं के आयात शुल्‍क को कम करेगा. हालांकि एग्रीकल्‍चर, सोया, डेयरी एवं कोयला को इस डील में सम्मिलित नहीं किया गया है. वहीं पीएलआई से जुड़े सेक्‍टर्स के लिए भारतीय बाजार को नहीं खोला गया है. डील पूरी होने के पश्चात् अब इंतजार इन देशों के संसद से अनुमति का है. अनुमति प्राप्त होने के बाद भारत से मुक्‍त व्‍यापार होगा. 

क्‍या-क्‍या होगा सस्‍ता

मुक्‍त व्‍यापार आरम्भ होने के बाद इन देशों से भारत आने वाले सामनों की कीमतों में कटौती होगी, क्‍योंकि डील के तहत ये देश अपने आयात शुल्‍क को कम करेंगे. वहीं भारत से जाने वाले वस्‍तुओं के आयात शुल्‍क में भी कटौती आएगी. उदाहरण के तौर पर देखें तो स्विजरलैंड से स्विस चॉकलेट, घड़ी एवं बिस्‍कुट भारतीय बाजार में अधिक बिकता है. ऐसे में इस डील से इनके दामों में कमी आएगी.  

भारत अन्‍य देशों के साथ ही कर रहा बात 

भारत दुनिया के कई और देशों, ग्रुप के साथ डील पर बातचीत कर रहा है. इसमें यूके, यूरोपियन यूनियन एवं ओमान सम्मिलित हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चुनाव के पश्चात् यूके के साथ डील पक्‍की हो सकती है. हालांकि भारत को इसे लेकर काई जल्‍दबाजी नहीं है. भारत यूके के साथ ऑटोमोबाइल, स्कॉच व्हिस्की, चॉकलेट और मीट प्रोडक्ट पर ड्यूटी में कटौती की मांग सहित अन्‍य ट्रेड डील पर चर्चा कर रहा है.

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Mar 11 2024, 14:12

सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई को बड़ा झटका, इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए दिए 24 घंटे

#supreme_court_on_sbi_plea_on_electoral_bond

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में और मोहलत मांगने गई एसबीआई को तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए उसे 12 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ा देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग को ये जानकारी 15 मार्च शाम 5 बजे तक पोर्टल पर सार्वजनिक करनी होगी। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी डिटेल देने के लिए 30 जून तक मोहलत मांगी थी, जो उसे नहीं मिली है।

एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी। एसबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। साल्वे ने कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद एसबीआई ने नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी करने पर रोक लगा दी है, लेकिन समस्या ये है कि जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए हैं उस पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा और इसमें समय लगेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की दलील मानने से इनकार कर दिया और कल तक ही जानकारी देने का आदेश दिया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने और वक्त मांगने पर एसबीआई को खूब सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि आखिर एसबीआई को आंकड़े जुटाने में कहां दिक्कत आ रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले 26 दिनों के दौरान आपने क्या किया? इसपर एसबीआई ने कहा कि हमें आंकड़े देने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन थोड़ा वक्त दे दिया जाए।

इस मामले में एसबीआई की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा। इसलिए स्टेट बैंक ने 30 जून तक का वक्त मांगा है।

इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि 26 दिन में आपने क्या किया। ये बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि एसबीआई को सिर्फ सीलबंद कवर खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है। पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए? आपका आवेदन उस पर चुप है। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने 12 मार्च तक चुनावी बांड का विवरण चुनाव आयोग को नहीं सौंपा तो वह उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

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Mar 11 2024, 12:12

इलेक्टोरल बॉन्ड्स मामले पर सुप्रीम कोर्ट की एसबीआई को फटकार, पूछा-आपने अभी तक किया क्या

#supreme_court_hearing_on_electoral_bonds

इलेक्टोरल बॉन्ड यानि राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चुनावी चंदे की जानकारी देने के मामले को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए और वक्त मांगने पर एसबीआई को सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आखिर एसबीआई को आंकड़े जुटाने में कहां दिक्कत आ रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले 26 दिनों के दौरान आपने क्या किया? 

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है। यह संविधान पीठ का आदेश है। आपको कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम करना होगा। आपको चुनाव आयोग के साथ जानकारी साझा करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप तत्काल आदेश का पालन करिए। आप ईसीआई के सामने जानकारी ओपन करें।

एसबीआई की याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना ,जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पांच जजों की बेंच ने सोमवार को सुनवाई की। एसबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। साल्वे ने कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद एसबीआई ने नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी करने पर रोक लगा दी है, लेकिन समस्या ये है कि जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए हैं उस पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा और इसमें समय लगेगा। 

साल्वे की दलील पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कह रहे हैं कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की जानकारी सील कवर के साथ एसबीआई की मुंबई स्थित मुख्य शाखा में है। मैचिंग प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन हमने आपको मैचिंग करने के लिए कहा ही नहीं था और हमने सिर्फ स्पष्ट डिस्कलोजर मांगा था। एसबीआई की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कई गंभीर सवाल किए।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा बताए गए कारणों को ‘बचकाना’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि अपनी गरिमा की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है और जब संविधान पीठ फैसला सुना चुकी है तो एसबीआई की याचिका को स्वीकार करना ‘आसान नहीं होगा’। सिब्बल ने कहा कि एसबीआई का दावा है कि डेटा को सार्वजनिक करने में कई सप्ताह लगेंगे, जिससे ऐसा लगता है कि ‘कोई किसी को बचाना चाहता है।’उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि एसबीआई का इरादा सरकार का बचाव करना है, अन्यथा बैंक ने चुनावी बॉन्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि 30 जून तक बढ़ाए जाने का ऐसे समय में अनुरोध नहीं किया होता जब अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

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Mar 11 2024, 11:16

ऑस्कर 2024 में क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’ का जलवा, देखें विनर्स की पूरी लिस्ट

#oscar_2024_full_winner_list

ऑस्कर अवॉर्ड मनोरंजन जगत का एक प्रतिष्ठित अवॉर्ड है। एकेडमी अवॉर्ड्स 2024 की विनर लिस्ट आ चुकी है।96वें अकादमी पुरस्कार लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया के डॉल्बी थिएटर आयोजित हुआ। भारत में इसका प्रसारण 11 मार्च सुबह चार बजे से ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर हुआ।ऑस्कर समारोह में पुअर थिंग्स और ओपनेहाइमर का जलवा देखने को मिला है। क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ओपेनहाइमर को 13 और पुअर थिंग्स को कुल 11 कैटेगरी में नामांकन मिला था, जिसमें से इन्होंने कई अवॉर्ड अपने नाम कर लिए। 

अलग-अलग केटेगरीज में ‘ओपेनहाइमर’ के टोटल 13 नॉमिनेशंस थे। इस फिल्म को सबसे ज्यादा कैटेगरी में नॉमिनेशन में मिले। जिनमें से क्रिस्टोफर नोलन के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ने 7 अवॉर्ड अपने नाम कर लिए। एम्मा स्टोन स्टारर ‘पुअर थिंग्स’ 11 कैटेगरी में जबकि डायरेक्टर मार्टिन स्कॉर्सेस की ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर’ 10 नॉमिनेशन के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है। जबकि ‘ओपेनहाइमर’ के साथ रिलीज़ हुई, ‘बार्बी’ को 8 कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला है।

#बेस्ट फिल्म- ओपेनहाइमर

#बेस्ट एक्टर- किलियन मर्फी (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट डायरेक्टर- क्रिस्टोफर नोलन (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर- रॉबर्ट डॉनी जूनियर (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट फिल्म एडिटिंग- जेनिफर लेम (ओपेनहाइमर)

#बेस्ट सिनेटोग्राफी- ओपेनहाइमर

#बेस्ट ओरिजिनल स्कोर- ओपेनहाइमर

#बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस – ड वाइन जॉय रैंडोल्फ (द होल्डओवर्स)

#बेस्ट एक्ट्रेस- एमा स्टोन (पुअर थिंग्स)

#बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग- वाट वाज आई मेड फॉर (बार्बी)

#बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म- द जोन ऑफ इंटेरेस्ट (यूके की फिल्म)

#बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन- होली वाडिंगटन (पुअर थिंग्स फिल्म के लिए)

#प्रोडक्शन डिजाइन- जेम्स प्राइज और शोना हेथ (पुअर थिंग्स फिल्म के लिए)

#ओरिजिनल स्क्रिनप्ले- जस्टिन ट्रेट और ऑर्थर हरारी (एनाटॉमी ऑफ ए फॉल फिल्म के लिए)

#बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स- गॉडजिला माइनस वन

#डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म- द लास्ट रिपेयर शॉप

#बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म- 20 डेज इन मरियोपोल

#लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म- द वंडरफुल स्टोरी ऑफ हेनरी शुगर

#बेस्ट साउंड- द जोन ऑफ इंटेरेस्ट

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Mar 11 2024, 10:38

चुनावी बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, सीबीआई को मिलेगी छूट या देनी होगी इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी?

#electoral_bonds_case_supreme_court_hearing_on_sbi_petitions

चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के मामले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी।दरअसल सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस अर्जी पर आज सुनवाई करेगी, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा नकदी में परिवर्तित किये गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट आज ही एनजीओ एडीआर की याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। 

एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। एसबीआई का कहना है कि सभी जानकारी निकालने में उसे वक्त लगेगा, लेकिन एसबीआई की इस मांग को चुनौती देने के लिए के लिए एक एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि एडीआर ने भी याचिका दायर कर दी। एडीआर ने अपनी याचिका में अदालत के आदेश की अवमानना की बात कही है। एडीआर ने याचिका में कहा कि एसबीआई की 30 जून तक की मोहलत मांगना इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।आज एसबीआई की याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट, एडीआर की याचिका पर भी सुनवाई करेगा।

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Mar 11 2024, 10:01

पीएम मोदी आज द्वारका एक्सप्रेसवे का करेंगे उद्घाटन, जानें 9000 करोड़ की लागत से बने एलिवेटेड एक्सप्रेसवे की खासियत

#pm_narendra_modi_to_inaugurate_of_dwarka_expressway

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज द्वारका एक्सप्रेसवे के बहुप्रतीक्षित गुरुग्राम सेक्शन का उद्घाटन करेंगे।9,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात की स्थिति कम होने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे शुरू होने से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों का दबाव कम होगा।एक्सप्रेस वे गुरुग्राम में 18.9 किलोमीटर और दिल्ली में 10.1 किलोमीटर तक फैला हुआ है और गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति तक जा रहा है।

11 मार्च को उद्घाटन समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बसई रोड पर रोड शो कर क्षेत्र की जनता का अभिवादन स्वीकार करेंगे। इस कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मौजूद रहेंगे। उद्घाटन समारोह स्थल में 36 सेक्टर बनाए गए हैं। इसके अलावा आठ पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।

कुल 29.5 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे में से 19 किलोमीटर हिस्सा गुरुग्राम से होकर गुजरता है। इसे अंतिम रूप देने के लिए एनएचएआई के अधिकारी सुधार और सौंदर्यीकरण के कार्यों में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार चुनावी मोड में सरकार आचार संहिता से पहले द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम क्षेत्र में पड़ने वाले 19 किलोमीटर के हिस्से को जनता को समर्पित करेगी। दिल्ली में करीब नौ किलोमीटर पैच का काम जून माह तक पूरा होने की संभावना है।

लगभग 9000 करोड़ रुपये की लागत से देश का पहला 8 लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। जिसमें 9 किलोमीटर लंबाई में सिंगल पिलर पर आठ लेन का 34 मीटर चौड़ा एलिवेटेड रोड भी है जोकि देश में अपनी तरह का पहला एलिवेटेड रोड है। हरियाणा में यह एक्सप्रेसवे पटौदी रोड (एसएच-26) में हरसरू के पास और फर्रुखनगर (एसएच-15 ए) में बसई के पास मिलेगा। इसके अलावा यह दिल्ली-रेवाड़ी रेललाइन को गुरुग्राम के सेक्टर-88 (बी) के पास और भरथल में भी क्राॅस करेगा। एक्सप्रेसवे गुरुग्राम जिले में प्रस्तावित ग्लोबल सिटी के साथ-साथ सेक्टर - 88, 83, 84, 99, 113 को द्वारका सेक्टर-21 से जोड़ेगा।

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Mar 10 2024, 20:31

पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में किया 'महतारी वंदन' योजना का उद्घाटन, बोले- 3 करोड़ महिलाओं को बनाना है ‘लखपति दीदी’

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने देश में तीन करोड़ महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाने का संकल्प लिया है और महिलाओं का कल्याण उनकी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए 'महतारी वंदन' योजना का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करते हुए यह बात कही। मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “यह सौभाग्य है कि आज मुझे 'नारी शक्ति' को सशक्त बनाने के उद्देश्य से महतारी वंदन योजना का लोकार्पण करने का अवसर मिला।"

"पीएम मोदी ने महिलाओं को भेजी पहली किस्त"

पीएम मोदी ने आगे कहा, "योजना के तहत हमने 70 लाख से अधिक महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था और आज भाजपा सरकार ने इसे पूरा किया है।” उन्होंने बताया कि रविवार को योजना के तहत लाभार्थियों (विवाहित महिलाओं) के बैंक खातों में 655 करोड़ रुपये की पहली किस्त भेजी गई। पीएम मोदी ने कहा, "मुझे इस कार्यक्रम के लिए आज आपके बीच होना चाहिए था, लेकिन कुछ अन्य व्यस्तताओं के कारण मैं उत्तर प्रदेश में हूं। मैं बाबा विश्वनाथ की भूमि काशी से बोल रहा हूं, जो आप पर भी अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं।" 

"माताएं-बहनें सशक्त होती हैं, पूरा परिवार सशक्त होता है"

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने शनिवार रात भगवान विश्वनाथ की पूजा-अर्चना की और देश के लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "जब माताएं और बहनें सशक्त होती हैं, तो पूरा परिवार सशक्त होता है। इसलिए (केंद्र और राज्य में भाजपा की) डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता माताओं और बहनों का कल्याण है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "आज परिवारों को पक्के घर मिल रहे हैं और वह भी महिलाओं के नाम पर।" उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना से महिलाओं को सस्ती दरों पर रसोई गैस सिलेंडर मिल रहा है, 50 फीसदी से ज्यादा जनधन खाते महिलाओं के नाम पर हैं, 65 प्रतिशत से अधिक मुद्रा ऋण महिलाओं ने लिए। 

1 करोड़ से ज्यादा महिलाएं 'लखपति दीदी' बन गईं" 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पिछले दस सालों में हमारी सरकार ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाया है।" उन्होंने कहा, "हमारी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि एक करोड़ से ज्यादा महिलाएं 'लखपति दीदी' बन गई हैं। हमने अब संकल्प लिया है कि हम देश की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य पूरा करेंगे।"

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Mar 10 2024, 18:57

देश में मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग 10 साल में 21 गुना हुआ, निर्यात में आया इतना बड़ा उछाल

डेस्क: भारत में मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग मूल्य के लिहाज से पिछले 10 साल में 21 गुना होकर 4.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उद्योग निकाय आईसीईए ने बयान में कहा कि सरकार के पीएलआई जैसे नीतिगत उपायों ने स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कहा कि भारत अब अपनी कुल मोबाइल फोन मांग का 97 प्रतिशत स्थानीय स्तर पर उत्पादित करता है और चालू वित्त वर्ष (2023-24) में कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत निर्यात के लिए है। 

एप्पल और सैमसंग की अहम भूमिका 

आईसीईए ने कहा, “मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 के 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 4,10,000 करोड़ रुपये हो गया, जो 2,000 प्रतिशत की वृद्धि है। वित्त वर्ष 2014-15 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात महज 1,556 करोड़ रुपये था। उद्योग को वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक 1,20,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निर्यात की उम्मीद है। इसका मतलब होगा कि एक दशक में निर्यात में 7,500 प्रतिशत की वृद्धि होगी।” विनिर्माण पर एक नोट के अनुसार, स्मार्टफोन के क्षेत्र में एप्पल और सैमसंग ने देश से मोबाइल फोन निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

इन देशों को मोबाइल किया जा रहा निर्यात 

नोट में कहा गया कि भारत निर्मित उपकरणों को बड़ी मात्रा में ब्रिटेन, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली के अलावा पश्चिम-एशिया और उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी बाजारों में निर्यात किया जा रहा है। निकाय ने कहा, “चालू वित्त वर्ष में उत्पादन का 30 प्रतिशत अब निर्यात के लिए होगा। उद्योग को वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक 1.2 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निर्यात की उम्मीद है।’’ मई, 2017 में भारत सरकार ने मोबाइल हैंडसेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की घोषणा की थी।

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Mar 10 2024, 18:11

राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता BJP में शामिल, गहलोत के करीबी समेत कई पूर्व मंत्रियों ने छोड़ी पार्टी

डेस्क: लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। आज राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता बीजेपी में शामिल हो गए। लालचंद कटारिया के साथ गहलोत के करीबी राजेंद्र यादव, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, रिछपाल मिर्धा और विजयपाल मिर्धा बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जयपुर में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। बता दें कि भाजपा का दामन थामने वाले लाल चंद कटारिया और राजेंद्र यादव अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे। कटारिया, पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे थे।

ये बड़े चेहरे भी हुए बीजेपी में शामिल-

कांग्रेस के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व निर्दलीय विधायक और गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल, कांग्रेस सेवा दल के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश चौधरी, पार्टी नेता रामपाल शर्मा, रिजु झुनझुनवाला और अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हुए। 

कटारिया बोले- अंतरात्मा से आई आवाज

भाजपा में शामिल होने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए लाल चंद कटारिया ने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज पर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों, गरीबों और आम आदमी के दुख-दर्द को समझती है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ही थे, जिन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मुद्दे को सुलझाने का काम किया। 

"एससी को अपना गुलाम मानते थे गहलोत"

पूर्व कांग्रेस सरकार में अनुसूचित जाति (एससी) आयोग के अध्यक्ष रहे खिलाड़ी लाल बैरवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उनसे (गहलोत) एससी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का अनुरोध करते रहे लेकिन उन्होंने हमेशा उनकी मांग को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, "तत्कालीन मुख्यमंत्री एससी समुदाय के लोगों को अपना गुलाम मानते थे।" बैरवा ने कहा कि भाजपा, एससी समुदाय को प्रोत्साहित करती है। 

राजेंद्र यादव के परिसरों पर पड़े थे ED के छापे

पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटें जीतेगी। बता दें कि कुछ वक्त पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने दोपहर के भोजन (मिड डे मील) में कथित धोखाधड़ी मामले में राजेंद्र यादव से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। उस समय यादव, अशोक गहलोत सरकार में मंत्री थे। 

"कांग्रेस ने हमें क्या दिया?" 

वहीं रिछपाल मिर्धा, पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा के चाचा हैं। ज्योति मिर्धा 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं और भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए नागौर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। मिर्धा परिवार जाट बहुल नागौर और आसपास के इलाकों में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है। रिछपाल मिर्धा ने भाजपा में शामिल होने पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जाट समुदाय को आरक्षण दिया था जबकि मोदी सरकार ने किसान के बेटे जगदीप धनखड़ को भारत का उपराष्ट्रपति बनाया। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं देश में जाट समुदाय से तीन राज्यपाल भी हैं। उन्होंने सवाल किया कि "कांग्रेस ने हमें क्या दिया?" 

11 सालों बाद फिर भाजपा में आए भींडर

भाजपा से अलग होकर ‘जनता सेना’ नाम की पार्टी बनाने वाले पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। भींडर ने कहा कि वे कुछ कारणों से भाजपा से अलग हुए थे लेकिन 11 सालों के संघर्ष के दौरान उन्होंने कभी कांग्रेस का हाथ नहीं थामा और अब वह अपने परिवार में लौट आये हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस ने किसानों के नाम पर वोट मांगे लेकिन उन्हें धोखा दिया। उन्होंने कांग्रेस पर केंद्र में अपने शासन के दौरान भ्रष्टाचार और घोटाले करने का भी आरोप लगाया और कहा कि मोदी शासन के दौरान भारत ने प्रगति की है।